World No Tobacco Day
तंबाकू का सेवन लील रहा
लोगों का जीवन
पूरी दुनिया
में आज "विश्व तंबाकू निषेध दिवस" मनाया जा रहा
है, हालांकि इस
वक्त दुनिया कोविड-19 महामारी से
जूझ रही है। इस वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया की रफ्तार को थाम दिया है। लेकिन
इससे 'विश्व
तंबाकू निषेध दिवस' की महत्ता
कम नही होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए "विश्व स्वास्थ्य संगठन"
द्वारा हर वर्ष 31 मई को 'विश्व तंबाकू निषेध दिवस 'के रूप में मनाया जाता है। “विश्व स्वास्थ्य संगठन” के मुताबिक तंबाकू के सेवन से हर साल दुनिया भर में 70 लाख से अधिक
लोगों की मौत हो जाती हैं। युवाओं में तंबाकू की बढ़ती रुचि को देखते हुए इस दिवस
की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है। इसी को समझते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2020 के लिए 'विश्व तंबाकू निषेध दिवस' का थीम युवाओं को केंद्र में रखकर
रखा गया है। जिसका उद्देश्य युवाओं को तंबाकू और निकोटीन का सेवन ना करने के लिए प्रेरित करना हैं।
भारत की स्थिति
भारत दुनिया में तंबाकू का
दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक देश
है। भारत में 42 करोड लोग तंबाकू का उपयोग
करते हैं। तंबाकू लगभग 25 प्रकार की शारिरिक बीमारियां
और 40 तरह के कैंसर का कारण बनता है। जिसमें मुँह, गले, फेफड़े, प्रोस्टेट कैंसर और पेट का कैंसर शामिल है। भारत में लगभग 45 प्रतिशत पुरूष एवं 70 प्रतिशत महिलाएं मुख के कैंसर
से पीड़ित हैं। यह आंकड़ा बेहद गंभीर एवं डरावना है।
क्या है कारण
तंबाकू का सेवन दुनिया में हर
साल लाखों लोगों के जीवनकाल को समाप्त कर रहा है। इसका कारण तंबाकू में मुख्य रूप
से पाया जाने वाला केमिकल निकोटीन है, जो बेहद नशीला हैं। जिसके
कारण लोग इसके आदि हो जाते है और धीरे-धीरे शरीर के सभी अंग प्रभावित होने से
व्यक्ति की मौत हो जाती हैं। एक शोध के अनुसार बताया गया है कि तंबाकू के धुएं में चार हजार से अधिक प्रकार के
केमिकल पाए जाते हैं।
खुद कर सकते है निदान
तंबाकू का सेवन और धूम्रपान करने की समस्या नई
नहीं है, यह समस्या सदियों से ऐसे ही चली आ रही है। लेकिन वर्तमान समय में बदलती
जीवनशैली में यह जानलेवा बनती जा रही है। वैसे तो सरकार द्वारा सिगरेट, पान मसाला, गुटखा जैसे अन्य नशीली
वस्तुओं से पैकेट पर कई दिशा-निर्देश दिये होते है, लेकिन इसके बावजूद लोग इसका सेवन करने से नही
हिचकते। तंबाकू और अन्य नशीली वस्तुओं के सेवन को छोड़ने की कोई दवा है तो वह लोग
स्वयं है। बिना खुद की इच्छा शक्ति के तंबाकू का सेवन छोड़ना संभव नही है। व्यक्ति
को यह सोचना होगा कि इनके कारण वह खुद तो बीमार होता ही है, साथ ही साथ लंबे समय तक
इसके सेवन से कुछ बीमारियां अनुवांशिक रूप भी धारण कर लेती है, जिससे उनकी आने वाली
पीढ़ी को इनका नुकसान उठाना पड़ता हैं। इसलिए तंबाकू और धूम्रपान छोड़ना ही बेहतर
हैं।
वर्तमान समय
में देश और दुनिया में फैली वैश्विक महामारी कोविड-19 ने हम सबको ज़िंदगी जीने का सही तरीका सीखने में काफी
मदद की है। साथ ही यह समय उनके लिए
बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ है,जो तंबाकू
का सेवन छोड़ना चाहते थे। बेहतर होगा कि हम इस समय की मिली सिखों को समझे और इससे
मिली अच्छी आदतों को यूं ही बनाये रखें।
Appreciate,very nice
जवाब देंहटाएंThanks
जवाब देंहटाएं