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  वर्चुअल स्टडी : बच्चों के लिए वरदान या अभिशाप   कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया के लोगों के जनजीवन को अस्त-वयस्त कर दिया है। इस महामारी ने देशों की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ लोगों की जीवनशैली पर भी गहरा असर डाला है। सभी सरकार द्वारा कोरोना के संक्रमण को रोकने और कम करने के लिए लॉकडाउन और फिर कर्फ्यू लगाया गया, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई को काफी नुकसान हुआ है। हालांकि इस नुकसान को कम करने के लिए ऑनलाइन क्लास की शुरुआत की गई है, लेकिन इसकी वजह से बच्चों को कई प्रकार की समस्याएं हो रही है। जिसके विषय में जानना और समझना बेहद जरूरी है।   मानसिक तनाव: ऑनलाइन क्लास शुरू होने से बच्चों की पढ़ाई के नुकसान को तो एक हद तक कम कर लिया गया है। लेकिन लगातार लैपटॉप और मोबाइल पर देखने से बच्चों की आँखों पर भी असर पड़ा है। अधिक समय तक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के इस्तेमाल से बच्चों में अनिद्रा और तनाव की समस्या होती है। जिससे बच्चों की आंखों की रोशनी भी कम होने लगती है। एक स्टडी के मुताबिक ऑनलाइन क्लास में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल से कई बच्चें डिप्रेशन का भी शिकार भी हो रहे है। शारीरिक तनाव: व

Beauty Tips For Winter

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  सर्दियों में भी त्वचा की चमक को रखे बरकरार कपकपाती सर्दी में चेहरे की चमक और रौनक को बरकरार रखना किसी चुनौती से कम नहीं है, इस मौसम में हाड़ कँपाने ठंड के कारण हम अपने चेहरे पर ध्यान नही दे पाते है। जिसके कारण त्वचा में खुश्की, चेहरे में नमी की कमी होना, होंठ फटने जैसी समस्याएं होना आम बात है। लगातार पड़ रही ठंड और हवाएं हमारे चेहरे को रुखा और बेज़ान बना देती है। ऐसे में हमें अपने चेहरे की चमक और नमी को बनाए रखने के लिए विशेष ध्यान की आवश्यकता होती है। इसके लिए हमें बाहर ना जाकर घर में ही मौजूद नुस्खों की मदद से चेहरे की चमक और सुन्दरता को सर्दियों में भी बरकरार रख सकते है। त्वचा को करें हाइड्रेट ठंड हो गर्मी हर मौसम में त्वचा को हाइड्रेट रखना बेहद जरुरी है। इसके लिए हमें बिना अल्कोहॉल वाले अच्छे मॉश्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। मॉश्चराइजर हमारे त्वचा की नमी को बरकरार रखनें में हमारी मदद करता है। साथ ही हमें अल्कोहॉलयुक्त प्रोडक्ट के इस्तेमाल से बचना चाहिए, यह त्वचा की नमी को छीन लेते है।    गुनगुने पानी का करें इस्तेमाल सर्दियों के मौसम में ठंड अधिक होने के कारण हम नहाने और मुंह ध

2020 Good And Bed Memory

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किन घटनाओं के लिए याद रहेगा साल 2020 ?  वैसे तो साल 2020 दुनियाभर के लोगों को नोवेल कोरोना वायरस महामारी के कहर के लिए याद रहेगा, जिसे भूलना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं है। लेकिन इसके साथ ही साल 2020 कई अच्छी और दुखद घटनाओं के लिए भी याद किया जाएगा। ऐसे ही कई अच्छी और दुखद घटनाओं पर डालते है एक नज़र। कोरोना महामारी और लॉकडाउन साल 2020 का नाम जिस घटना के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज किया जाएगा वह है 'नोवेल कोरोना वायरस'। साल 2020 की शुरूआत से पहले ही चीन के एक शहर में फैले कोरोना वायरस ने कब महामारी का रूप ले लिया, किसी को समझ नहीं आया। जिसने केवल भारत ही नहीं पूरी दुनिया को अपनी ज़द में ले लिया। इससे बचाव के तौर पर हर जगह लॉकडाउन लगाया गया, जो बहुत की भयावह रहा। देश में लॉकडाउन की घोषणा के कुछ देर बाद ही सड़कों पर सन्नाटा छा गया। सुबह-सुबह पार्को में आने वाले लोगों की धमक,स्कूल-कॉलेज जाने के लिए  छात्रों का चहल-पहल, हमेशा गुलज़ार रहने वाली दुकानें पलभर में ही इतिहास बन गया। थम गई भारत की लाइफलाइन रेलवे  कोरोना महामारी के कारण भारत के इतिहास में 166 सालों के बाद देश की लाइफलाइन

Biography Of Father Of Nation Mahatma Gandhi

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  सत्य और अहिंसा के पुजारी "महात्मा गांधी" को शत्-शत् नमन “ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ” का जीवन सभी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने अपने विचारों और आर्दशों के माध्यम से भारत ही नहीं अपितु पुरी दुनिया में अपनी अलग छाप छोड़ी है। उन्‍होंने सत्‍य और अहिंसा के पथ पर चलकर भारत को गुलामी की जंजीरों से आज़ादी दिलाई। उनके इन्हीं विचारों, आर्दशों और भारत के आज़ादी में अहम भूमिका निभाने के लिए उन्हें “ राष्ट्रपिता ” (Father Of Nation) की उपाधि दी गई। महात्मा गांधी को “ राष्ट्रपिता ” के नाम से सबसे पहले नेतीजी सुभाष चन्द्र बोस ने वर्ष 1944 ई. में रंगून रेडियो से जारी प्रसारण के दौरान सम्बोधित किया था। इसके साथ ही गांधी जी को ‘ बापू ’ के नाम से भी जाना जाता है। प्रारंभिक जीवन ( Primary Life) सत्य और अहिंसा के पुजारी “ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ” का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबन्दर में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचन्द गांधी था, जो ब्रिटिश राज के समय पोरबन्दर के काठियावाड़ की एक छोटी सी रियासत के दीवान थे। मोहनदास की माता का नाम पुतलीब

Vikas Dubey killed in UP police encounter

पुलिस एनकाउंटर में विकास दुबे की मौत- बदला या न्याय ? यूपी पुलिस के 8 जवानों को मौत के घाट उतारने वाला हत्यारा विकास दुबे आज सुबह पुलिस के एनकाउंटर में मारा गया। उज्जैन के महाकाल मंदिर से विकास दुबे को पकड़ने के बाद यूपी STF द्वारा कानपुर ले जाते समय गाड़ी हादसे का शिकार हो गई।  पुलिस के मुताबिक गाड़ी के पलटने के बाद विकास पुलिस की बंदुक छीनकर भागने की कोशिश करने लगा, जिसके बाद पुलिस ने इस कुख्यात अपराधी को मार गिराया। इसके साथ ही पुलिस ने बताया कि विकास ने पुलिस की टीम पर कई गोलियां चलाई, जिसके जवाब में आत्मरक्षा के तौर पर पुलिस ने जवाबी कार्यवाही की, जिसमें विकास घायल हो गया। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।     एनकाउंटर पर उठते सवाल बीते एक हफ्ते से पुलिस के साथ आंख मिचोली का खेल खेलने वाला दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को यूपी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। जिसके बाद पुलिस द्वारा किया गया यह एनकाउंटर संदेह के घेरे में आ गया है। आज तड़के सुबह जब विकास की मौत की खबर आई तो ऐसा लगा जैसे यह सब पहले से नियोजित था। किसी के लिए भी इसमें

Police arrest vikash dubey

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8 पुलिसवालों का खूनी आखिरकार आया पुलिस की गिरफ्त में यूपी पुलिस के आँखों मे धूल झोंककर फरार हुए दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया है। बीते 6 दिनों से पुलिस के साथ आंख मिचौली का खेल, खेल रहा कानपुर के विकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों का हत्यारा आख़िरकार पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया। मध्य प्रदेश पुलिस विकास दुबे को कोर्ट में पेश न कर यूपी पुलिस को सौंपेगी। उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम उसे लेने के लिए रवाना हो गई है। मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा बताया जा रहा है कि विकास दुबे ने महाकालेश्वर मंदिर की पर्ची कटाई और इसके बाद खुद ही सरेंडर कर दिया। इसके साथ यह भी बताया जा रहा है कि विकास ने प्रदेश की स्थानीय मीडिया को खुद अपने आत्मसमपर्ण करने की ख़बर दी थी। विकास दुबे महाकाल मंदिर के सामने खड़ा था। जैसे ही वहां स्थानीय मीडिया पहुंची तो वह चिल्ला कर बताने लगा मैं कानपुर वाला विकास दुबे हूं। इसके बाद स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची और उसे गिरफ्तार किया। गिरफ्तार होने के बाद भी विकास के चेहरे पर न ही पुलिसवालों की हत्या करने का अफसोस था और न कोई

Why Sushant ?

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तारों के पार चला गया भविष्य का उभरता हुआ ' सितारा ' टेलीविजन और फिल्म जगत का एक और सितारा दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गया। काइ पो छे, पीके, धोनी और छिछोरे जैसी फिल्मों से अपनी अलग पहचान बनाने वाले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या कर ली। वह महज़ 34 वर्ष के थे। उन्होंने बांद्रा में स्थित अपने घर में फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हालांकि आत्महत्या करने की वजह का अभी पता नही चल पाया हैं। बताया जा रहा है कि वह काफी दिनों से डिप्रेशन में थे और अपना इलाज भी करा रहे थे। हाल ही में अभिनेता इरफान खान और ऋषि कपूर जैसे उम्दा कलाकारों को खोने के बाद सुशांत के इस कदम से पूरे बॉलीवुड शोक की लहर छा गई है। किसी के लिए भी इस खबर पर यक़ीन करना मुश्किल था कि भविष्य के इस उभरते हुए सितारे ने आखिरकार यह कदम क्यों उठाया। इस खबर के मीडिया में आने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही राहुल गांधी , शिवराज सिंह चौहान जैसे कई नेताओं ने भी सुशांत की मौत पर शोक जताया है। इसके साथ अमिताभ बच्चन , अक्षय कुमार , अजय देवगन , सोनू सूद, सलमान खान और शाहरुख खान समेत बॉलीवुड के ज