World water day
विश्व जल दिवस: जल और जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया में तेज़ी से पांव पसार रही वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ाई में इंसानो के लिए सबसे बड़ा वरदान बनी सफाई जिस द्रव पदार्थ के कारण संभव हो पा रही है, वह है जल। जल है तो पर्यावरण है और पर्यावरण है तो शुद्ध जलवायु है। साथ ही शुद्ध जलवायु है तभी इंसान का तन-मन स्वस्थ है। जल है तो जीवन है। लेकिन कभी सोचा है कि हमें जरूरत पड़ने पर यह जल न मिल पाए तो हमारा जीवन कैसा होगा ? डब्ल्यूएचओ की साल 2019 की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के एक तिहाई लोगों को पीने का शुद्ध जल नही मिल पाता, जिसमें दुनिया की 2.2 अरब आबादी आती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखने हुए हर साल 22 मार्च को 'विश्व जल दिवस' मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य जल की हर एक बूँद को बचाना और प्रकृति के इस अनमोल वरदान के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करना है। साल 2020 के लिए 'विश्व जल दिवस' का थीम "जल और जलवायु परिवर्तन" रखा गया है, जो एक-दूसरे के पूरक है। जल और जलवायु परिवर्तन एक सिक्के के दो पहलू है। जलवायु परिवर्तन की समस्या पूर्ण रूप से जल से जुड़ी हुई है। जिसने